( रिपोर्टर - रोहित कुमार सोनी)
मितौली विकासखंड की ग्राम पंचायत कपासी के गामीणों द्वारा जिले की तेज तर्रार पूर्ति निरीक्षक मितौली साधना श्रीवास्तव एवं उपजिलाधकारी मितौली दिग्विजय सिंह को सूचित किया गया कि उचित दर विक्रेता श्रीराम ने अपनी राशन गोदाम में भारी मात्रा में राशन कालाबजारी करने के लिये भंडार कर रखा है ।जिसकी सूचना पर पूर्ति निरीक्षक मौके पर पहुची जिन्होंने मौके पर से उचित दर विक्रेता की दुकान पर 300 बोरी गेंहू और चावल बरामद किया जोकि कालाबजारी करने के लिए रखा गया था पूर्ति निरीक्षक को मौके पर कोई अभिलेख नही मिले नाही स्टॉक रजिस्टर ,व वितरण रजिस्टर प्राप्त हुये जिसपर उचित दर विक्रेता अभिलेख नहीं दिखा सका और वितरण मशीन के अनुसार सारा राशन वितरण हो चुका था । पूर्ति निरीक्षक ने बरामद गेंहू चावल को निकटवर्ती ग्राम पंचायत आशिकनगर के ग्राम पंचायत कोटेदार के सुपुर्दगी में दिया गया । लेकिन 2 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कारवाई ना होने से ग्रमीणों में रोष है । ग्रामीणों को अंदेशा है कि अधिकारियो की मिलीभगत से मामले को रफादफा कर दिया गया है। ग्रामीणों ने जब इस बाबत जिला पूर्ति अधिकारी श्री विजय प्रताप सिंह जी से जानकारी लेनी चाही तो वो गोलोमोल जबाब देते नजर आए इससे साफ-साफ जाहिर होता है । जबकि नियमन अनुसार कालाबाजरी के लिए बरामद माल में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत 3/7 की कार्यवाही होनी चाहिए । लेकिन पैसे की चमक के आगे सब नतमस्तक है ।जिले पर बैठे उच्चाधिकारी ही जब कोई कार्यवाही नही करना चाहते हो तो निचले पद पर बैठे कर्मचारी क्या कार्यवाही करेंगे । फिलहाल यह मामला तहसील में चर्चा का विषय बना हुआ है । भृष्टाचार की सारी सीमाएं लांघ कर जनता के हक पर डाका डालने बाले लोगो के हाथ इतने लंबे है । कि उन पर कार्यवाही करने के लिए जिले के उच्चाधिकारी में भी इतना भय है। फिलहाल मामला ठंडे वस्ते में जाता दिख रहा है ।
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