( रिपोर्ट -रोहित कुमार सोनी)
मितौली खीरी विकास खंड मितौली के ग्राम कानाखेडा में लगभग 300 साल पुराना सबसे विशाल काय प्राचीन मन्दिर है जो 5 गांवों के बीच लोगों की आस्था का प्रतीक है जो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है जबकि मंदिर राजस्व अभिलेखों में दर्ज है विदित हो यह भूमि पारष नाथ महादेव सरबराहकार छोटकू पुत्र छोटे लाल के नाम से दर्ज है किसी ने आज तक इस मंदिर की तरफ ध्यान तक नहीं दिया है आज मंदिर की स्थति यह हो गयी है कि पूर्वजों की संपत्ति कभी भी नष्ट हो सकती है यहां कभी विशाल तीर्थ हुआ करता था लोग अपनी मनौती मांगने व दर्शन करने यहां आते थे। पहले तीर्थ में स्नान कर मंदिर में पूजा अर्चना करते थे लोगों की आस्था का केन्द्र इस मंदिर को यहां के लोग इस पर अपना मालिकाना हक दिखते हुये मंदिर को नष्ट करना चाहते हैं जबकि यह मंदिर यहां के पूर्वजों की धरोहर है कुछ लोग अपने स्वार्थ बस इस मंदिर को नष्ट करना चाहते हैं काना खेड़ा गांव के कुछ लोग दीपावली धनतेरस के पर्व को देखते हुए मंदिर को साफ करने गए उसी गांव के निवासी छोटेलाल गिरी ने लोगों को मंदिर की साफ सफाई करने से रोका और उनको धमकी भी दी कि यह मेरी संपत्ति है यहां अब दोबारा मत आना यह भूमि जबकि पारसनाथ महादेव बाबा के नाम से राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। गांव के लोगों का कहना है कि सरकार व राजस्व विभाग के कर्मचारियों का ध्यान इस मन्दिर की तरफ आकर्षित करना चाहता हूं कि यह पूर्वजों की धरोहर जो लोगों की आस्था का केंद्र है इसे नष्ट निजी स्वार्थ में नष्ट न होने दिया जाए
0 Comments