(रिपोर्ट- पंकज कुमार )
मितौली खीरी।। लंबे समय से उतार चढ़ाव और लेट लतीफी की भेंट चढ़ रही परिषदीय विद्यालयों के शिक्षको के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया पुनः शुरू होने से जनपद के शिक्षको में घर वापसी की आस जगी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा मध्य सत्र में स्थानांतरण की अनुमति मिलने के बाद पुनः वेबसाइट खोल दी गई है। दोबारा स्थानान्तरण का लाभ लेने वाली महिलाओं के आवेदन स्वीकार किये जाने के बाद 30दिसम्बर को सूची का प्रकाशन होना है। विदित हो कि पिछले वर्ष 2 दिसम्बर से परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षको के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया चल रही है जोकि कोरोना की भेंट चढ़ जाने के कारण 1 वर्ष से अधिक समय तक विलम्बित होती रही। प्रक्रिया दोबारा शुरू ही हुई थी कि हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब 15दिसम्बर को जारी सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा उन शिक्षको का स्थानांतरण हो सकेगा जिनके 5 वर्ष पूरे हो गए हो साथ ही उन महिला शिक्षिकाओं के भी स्थानांतरण हो सकेंगे जिनके 2 वर्ष सेवा अवधि के पूरे हो चुके हो। असाध्य रोगियों और ससुराल या पति के जनपद स्थानांतरण चाहने वाली महिलाओं को दोबारा आवेदन करने की छूट प्रदान की गई है।
अंतर्जनपदीय स्थानांतरण हेतु जनपद के शिक्षको निरन्तर लंबी लड़ाई लड़ते आये हैं, किंतु किसी न किसी अड़चनों के चलते यह प्रक्रिया बाधित होती रही। अभ्यर्थियों ने अब यह प्रक्रिया पूरी होने की संभावना जताई है। शिक्षक सुधेश पाण्डेय का कहना है कि अंतर्जनपदीय स्थानांतरण हेतु लंबे समय से संघर्ष जारी है, हमारी मांग है कि बिना किसी भी प्रकार की देरी किये तत्काल इस प्रक्रिया को पूर्ण किया जाय। अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की मुहिम में जिले से शिक्षक अनुराग मिश्र, विवेकानंद, कमल दीक्षित, विनय शुक्ला, दीपक कुमार, मयंक शुक्ला, त्रिभुवन, देवेंद्र, वरुण, राजेन्द्र, मोनिका, रजनी, नीतू, आदि शिक्षक शामिल रहे।
वही सरकार द्वारा कोर्ट के आदेश के अनुपालन से 5वर्ष की समय सीमा किये जाने की वजह से प्रभावित हो रहे बाकी शिक्षको ने भी प्रक्रिया को पुराने नियम 3 वर्ष की समय सीमा के अनुसार प्रक्रिया पूरी किये जाने की मांग की है।
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