( रिपोर्ट - पंकज कुमार क्राइम मंडल ब्यूरो)
लखीमपुर खीरी के मितौली ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचायत ग्रंट इनायत चीफ के गांव हैदर नगर में रमेश लेखपाल ने गांव के किसानो के बीच में जाकर लोगों को पराली न जलाने के बारे में बताया कहा की राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशानुसार खेतों में फसलों के अवशेष जैसे (पराली गन्ने की पाती आदि) व कूड़ा करकट जलाना दंडनीय अपराध माना गया है अगर कोई किसान पराली जलाते हुए पाया जाता है तो उसको ₹15000 तक का जुर्माना व उसके विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज हो सकती है और उसको कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ उसको नहीं मिल पायेगा इससे किसान भाइयों को पराली जलाने से पर्यावरण तो प्रदूषित होता ही है व साथ में खेती के लिए उपयोगी कीट नष्ट हो जाते हैं जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम होती है पराली जलाने से आग के अनियंत्रित होने से दुर्घटना घटित होने का खतरा भी बना रहता है अगर कोई किसान पराली को नहीं जलाता है तो उसको फायदा 15 सो रुपए तक की हरी खाद की बचत होती है पराली न जलाने को लेकर फायदे व नुकसान के बारे में गांव के किसानों को बताया
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